Saturday, May 7, 2011

दर्द।


ये कैसी  अजब ख़ामोशी है ..
ये कैसी  जलन ,मदहोशी है ..
हर तरफ है ये बिखरे घरौंदे ..
बेहोशी ...बेहोशी, बेहोशी हे ..

4 comments:

  1. उत्कृष्ट गीत संयोजन।

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  2. दिन गुजर जाते है पर गुजरे हुये क्षण याद आते है बहुत सुन्दर । जिन्दगी खूबसूरत एक आशावादी दृष्टिकोण

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