Saturday, May 7, 2011

क्षण


  1. रफ्ता- रफ्ता ये दिन गुजर जायेंगे ..पर ये लम्हें याद तो आयेंगे ..इन लम्हों को कुछ यूँ सजाये..कि बस वक्त की रेत बन न  गुजर जाएँ   ..योगी 
  2. मेरे हाथों की लकीरों में ..देखता हूँ तेरे ख्वाब लिपटे से ...हर दफा एक नया अहसास देतें हें वो मुझे = योगी 
  3. ताज़ा से नर्म ..मुलायम रिश्ते ...जिंदगी तू खुबसूरत है ..योगी
  4. डर लगता है मुझे अपनी तन्हाई से ..ज़रा मुझे इस भीड़ से दूर ले चलो - योगी  
  5. मैंने  तुझे खुदा माना ..ये मेरी चाहत की बुलंदगी थी ..तुने ले लिए यूँ फैसले अकेले  या रब ..ये तेरी दगाबाजी थी =योगी 
  6. ये दास्ताँ भी जो  गुजर रही है .. एक दिन बहुत याद आएगी ..तेरी आँखों के ये कातिल नश्तर ..तब बादल सा बरसायेगी -योगी 
  7. पूछा था जो किसी ने ..रब का रूप कैसा बोलो ?? .. चल पड़े तेरी गली को एक और सजदे को ..योगी
  8. इक मुसाफिर हूँ .. गुजर  रहा ..राहे - जिंदगी ... मुड कर जो देखा ..चेहरे कई जाने पहचाने ..फिर याद आये ...फिर याद आये ...-योगी 

19 comments:

  1. धन्यवाद प्रवीण जी :)

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  2. जिंदगी में बीते लम्हों को सजाना,हर समय सुन्दर अहसास कराते रहने का जरिया है.चंद शब्दों में खूबसूरत प्रस्तुति.
    पहली दफा आपके ब्लॉग पर आया,सुन्दर अहसास हुआ.
    मेरे ब्लॉग पर आइयेगा,आपका स्वागत है.

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  3. ----अच्छी शायरी है...अच्च्छे ज़ज़्वात...

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  4. बहुत मधुर आवाज है जी आपकी तो। एक ही गाना सुन पाया हूं। ये संगीत कैसे एडजस्ट किया संगीत तो वही है जो मूल गाने का है । अब तो मुझे एक ठिकाना मिल गया है यही आकर कुछ गाने सुना करुंगा।

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  5. पुनश्च- आपकी मधुर आवाज में श्रीनाथ जी के कोई भजन हैं या नहीं एक दिन जबसे आपने ब्लाग बनाया है तभी से देखूंगा।

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  6. Yogesh ji face book se aapko pakda hai.aapka gana suna bahut achchi avaaz hai aapki.sher to aur bhi achche lage.aapko follow kar rahi hoon.mere blog par bhi aamantrit kar rahi hoon.

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  7. खूबसूरत प्रस्तुति|धन्यवाद|

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  8. bahut achchha gaya hai.aapki awaj bhi bahut sunder hai
    rachana

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