Tuesday, April 12, 2011

मेरे जज्बात ..योगेश अमाना

  1. हर सुबह तेरी याद ..हर शब् तेरा इंतज़ार ..तेरी नज़र के मायने ..सहरा मे बहार =योगी 
  2. नशा ही नशा है तेरी हर बात में गजब कशिश है तेरे इस अंदाज में =योगी  
  3. गुजरा हूँ इस तरह बच कर उसके आंचल की छुअन से योगी ..जैसे में उसे पहचानता ही नहीं . 
  4. कहने को क्या नहीं ..पर ज़ुबां साथ न दे तो क्या ? योगी  
  5. कतरा कतरा पिघले रूह का मोम ..तेरे अहसास में बड़ी तपिश है =योगी  
  6. कश्ती थी पतवार नहीं ..अपने भी  थे ...खेरख्वाह नहीं =योगी  
  7. बड़ी शर्मिंदगी सी है इस दौर का इंसा होने से ..न भरोसा , न आशा ,न मोहब्बत और न सकूँ है !! =योगी  
  8. मेरी माँ की दुआएं ही थीं ..बाकि इस सख्त जहान ने कसर न रक्खी थी मेरा वजूद मिटाने की = योगी
  9. वो सादगी तेरी की चाँद भी पिघल -  पिघल  जाये...बैठें है हम  दीदार की चाहत   दिल मे दबाये =योगी  
  10. दुनियां की राह में बड़े कांटें है.. यूँ नंगे पैर जाया न करो .. चाहतें हैं तुजे बहुत यारा ..बात बेबात यूँ सताया  न करो !योगी  
  11. क्या मेरी सुर्ख आँखों में देखा है तुमने बीती शब् की बारिश की कुछ बूंदें अभी भी उलझी पड़ी हैं ..योगी  
  12. सुनो जरा संभल कर आना नंगे पैर इधर..मेरे टूटे दिल की किरंचें हर और बिखरी पड़ी हैं ..योगी  
  13. बड़ा दर्द बड़ी बेचैनी  है ..मै भी चाहता हूँ तुझे भुला ही  दूँ ..पर डरता हूँ खुदा से ..उसका दिया ये प्यारा तोहफा कैसे ठुकरा दूँ..योगी  
  14. जानता हूँ तुझे अब भी मेरी चाहत पर यकीन नहीं..बाकि सब भूल तू कब की मेरी बांहों मे सिमट न जाती ..योगी
  15. बंदगी गर कर न सको खुदा की कभी ..किसी से सच्ची मोहब्बत जरुर करना ..योगी
  16. वो तड़प है चाहत में  मेरी ..कि एक दिन कुदरत की हर शय ,हर बन्दा  और खुदा भी मेरी और इशारा करेगा ..योगी  
  17. दुश्मनों से न कोई रंज है न गिला ..दर्द के ये तोहफे तो अपनों के भी दिए हैं ..योगी
  18. कशिश तेरी गुलाबी  आँखों की यूँ उतरी आँखों मै मेरी  की   ..मै तेरी दीद का   दीवाना हो गया ..योगी   
  19. रूह की आह जब नज़र आ जाये ...देंखें फिर कोई कैसे दूर रह जाए ..योगी
  20. क्या तुम्हे भी लगता है ..कुछ तो है सदियों  पुराना अहसास .. तेरे मेरे दरमियां ? =योगी 
  21. इश्क में  मेरे जूनून है, रब है ..तेरी याद में महकी महकी  शब् है.. इश्क में मेरे इक बस तू नहीं ..बाकि तो सब है ..योगी  
  22. गर्म सिली हवा .. रवा सा रवा ..टूटते सूखे पत्ते ..पलाश जो हुए जवाँ..सुने रास्ते ..पिघलता डामर ..थक गया कारंवा ..योगी
     

मेरे जज्बात ..योगेश अमाना

  1. कतरा कतरा पिघले रूह का मोम ..तेरे अहसास में बड़ी तपिश है =योगी 
  2. कहने को क्या नहीं ..पर ज़ुबां साथ न दे तो क्या ? योगी  
  3. गुजरा हूँ इस तरह बच कर उसके आंचल की छुअन से योगी ..जैसे में उसे पहचानता ही नहीं . 
  4. नशा ही नशा है तेरी हर बात में गजब कशिश है तेरे इस अंदाज में =योगी