Thursday, February 23, 2012

new drops of soul 2012



  1. तुम अभी भी अंतस की राख में दबी सुलग रही हो धीमे से - योगी
  2. सर्द आह से पुकारा है तुझे जिंदगी तू भी अब न झुलसाना  - योगी 
  3. दास्ताँ जो सुनाई थी उस राहगीर ने ...सूखे पत्तों से रिश्तों को तब समझ पाया .. योगी

  4.  क्यूंकि तू उदास है ..मै भी उदास हूँ..ना देख पाओगी मुझे.. इतना आस- पास हूँ ..योगी 
  5. अंगड़ाई ले रहे हैं ..मीठी कसक के साथ ....सिरहाने जो रखे थे ... बीती रात के ख्वाब - योगी
  6. कभी कुछ यूँ भी होता तो है ..चलते -चलते तेरा यूँ मिलना !
  7. लिखे थे यूँ ही कुछ जज्बा-ऐ -शब्द तेरी याद में .. वो तो आज  खिलकर गुलाब से हो गए ..कुछ में महक गया ..कुछ कांटे भी चुभ गए -योगी 

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