Tuesday, February 23, 2010

मेरे जज्बात

  1. अलसुबह अलसाया सा गुल खिला खिल मुस्काया जिंदगी बुल बुले सी यारा ..खिला तो किसी के काम आया ..योगी 
  2. तेरी आँखों की कोर पर छिपी जो मुस्कराहट है ,बता दे मुजको वजह क्या है .. योगी 
  3. दुनियां की खुरदरी सतह से जख्मी तो क्या ...इक मुहब्बत भरी नजर तेरी दवा से क्या कम 
  4. दीवाना हाँ दीवाना ..तेरी दीद का ...दीवाना क्या जाने क्या खेल है !!
  5. ये क्या हुआ ..ये कैसी मद्धम चली पवन ..गुल मुस्कराने लगे..ये आहट थी तेरी या के मौसम बदलने लगे =योगी 
  6. कुछ यूँ जब चाहा की  .. कुछ रिश्ते  बना लूँ पर.. भूल गया था  की इन दिनों बिना मतलब के..रिश्ते चाहता कौन है ..योगी 
  7. ये क्या रिश्ता ..क्या..इन लकीरों पे उस रब ने लिखा था नाम तेरा या तुजसे मिलने की बैचेनी बस यूँ ही तो नहीं ...योगी 
  8. बहुत माँगा दुआओं मे की तुजे ढेरों खुशिंया नसीब हों ..जब हुईं तो लगा मैने तुजसे जुदाई तो न मांगी थी ..योगी 
  9. इक तपिश के बाद की नमी सी हो..हाँ तुम जिंदगी की किताब पे जमी सी हो ।।इक फूंक मारू तो सूखा दूँ ..की फूंक से उड़ा भी दूँ ..तुम बून्द हो या धूल ही सही ..फिर -फिर लोट ही आती हो ।।बदलते मौसमो के साथ ..योगेश अमाना 'योगी'
  10. आभार सिया ,एक अनकहे विश्वास के लिए हरदिन तुम्हारी खुशियो की दुआ करता हूँ।। तुम्हारे भीने अहसास से रंग जिंदगी में भरता हूँ ।।
  11. कई हदों सरहदों को पार करसारे जगत के बंधन तार कर  ..खोजती निगाहों के जुनूनी तड़प से ॥आ के कुछ तो भावों का व्यापार कर,के तेरे होने से होता है कुछ ऐसा के ।।'योगी'कोई तो हो मुलाकात के आसार कर ।।