Friday, October 7, 2011

कुछ शब्द



  1. बड़ी झुलसन   सी जिंदगी ...मरहम सा लगे है तेरा छुना - योगी 
  2. जिंदगी तू सौ बार रुलाना चाहे तो  क्या ...हँसने के मै भी हज़ार बहाने ढूंढ़ लूँगा ~ योगी 
  3. बड़ी मुद्दत बाद की थी दुआ डरते -डरते ..कौन कहता है दुआ से क्या मीलता है ?..योगी 
  4. वो हर ख़ुशी छिनते रहे ये कहकर की वो सिर्फ मेरी ख़ुशी चाहतें है ... योगी 
  5. चंद लम्हे ये जो ...तेरी वज़ह से हुए जा रहें है खुबसूरत से ..योगी
  6. मेरी  तरह क्या तुम भी   बरसती  बूंदों  को  हाथों  में समेटना पसंद करती हो... 
  7. बातों और वादों की फांस लिए ...लोगों की जुबान में ज़िन्दगी ..क्या है ये जिंदगी ??
  8. रोम रोम सुवास तन तरंग मचले है क्या ये ?.. क्या आहट तेरे कदमों की है ? -योगी
  9. ये मेरे जज्बातों की हद ही तो थी की तड़प तेरी आँखों में भी आई तो -योगी 
  10. समय ख़ामोशी की चादर में लिपटा 
  11. गुजर जाता . ..चंद लम्हों में ..सिमटी जिंदगी ..उड़ती धूल के ..वो साया फिर लोट आता .योगी
  12. ख्वाब देखना गुनाह नहीं ये माना .. सच न होना तो गुनाह ही है ??
  13. चाहते हो सपने पुरे हो जाएँ गर तो सपने ज़रा खुली आँखों से देखा करो .. योगी 
    1. अजीब से अहसास से गुजरा हूँ  
    1. हर पल यूँ किरचों सा बिखरा हूँ
      1. सुन भी ले कभी मेरी सिसकियाँ
    1. सालों से झुलसा वो सहरा हूँ 
    1. -योगेश 'योगी'

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