Wednesday, June 26, 2024

नयन

नयनों की भाषा में बात करें,  
शब्दों से आगे कुछ खास कहें।  
सागर की तरह गहरी हो बातें,  
दिल की गहराइयों से जज़्बात कहें।

कभी खामोशी से कहानी कहें,  
कभी आंसुओं से जुबां सजीव करें।  
नयनों की भाषा में लिखें शायरी,  
हर नजर में हो एक सफर फूल झरें।

कभी इश्क़ की मिठास हो उनमें,  
कभी दर्द की चुभन भी हो उनमें ।  
 चित्रकार की तरह हों मायने,  
नज़र सा नया अफसाना हो उनमें।
          योगेश योगी

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