Thursday, June 6, 2024

 हास्य रस के साथ कल की कहानी

कुर्सी देवी
तारीख चार को चुनाव परिणाम आएगा,
देश का भविष्य फिर से लिखा जाएगा।
नेताओं के छुट रहे पसीने,
टेम्परेचर हुआ जाता है हाइ,
हर कोई पूछे, "कितनी गर्मी है भाई?"
कहीं जीत की खुशी में ढोल बज रहे हैं,
तो कहीं मायूसी में चेहरे लटके हुए हैं।
नेता जी बोले, "ये जनता का प्यार है,"
पर सच तो ये है, कुर्सी का ही बुखार है।
वोटों की गिनती में सबकी जान अटकी,
गिन-गिन के वोट, सबके हाथ पक्के।
पान वाले ने कहा, "चाय फ्री में मिलेगी,"
तो चायवाले ने हंस कर कहा,
"नहीं भई, ये तो सियासत की चाल है,
टेलीविजन पर एंकर चिल्लाए,
"बड़ा ही रोमांचक खेल हो रहा है,"
कहीं जश्न की मिठाई बांटी जा रही,
तो कहीं ग़म में बिरयानी सुस्ता रही।
नेताओं की रैली में ट्रैफिक जाम हो गया,
टेम्परेचर से हर कोई परेशान हो गया।
कोई बोला, "जीत के बाद नेता मिलेंगे,"
दूसरा बोला, "बस बैनरों पर ही दिखेंगे।"
तारीख चार को चुनाव परिणाम आएगा,
देश का भविष्य फिर से लिखा जाएगा।
नेताओं के छुट रहे पसीने,
टेम्परेचर हुआ जाता है हाइ,
कहीं जीत की खुशी, तो कहीं मायूसी छाई।
- योगेश ' योगी '

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